इस दिवाली देशभर में हुआ 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार


कोरोना महामारी के गंभीर संकट के बीच इस वर्ष दिवाली का त्योहार देशभर में पूरे अलग अंदाज के साथ मनाया गया। इस साल दिवाली में कुछ नई और विशिष्ट चीजें देखने को मिलीं। लोगों ने जहां चीनी सामानों का जमकर बहिष्कार किया। दूसरी ओर, लोगों ने भारतीय सामानों को तरजीह दी और देश में पिछले आठ महीने से जारी व्यापारिक सुस्ती समाप्त हुई। रिटेल कारोबारियों के संगठन कैट की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ऐसा कहा गया है। इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के नेतृत्व में देशभर के व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' एवं आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को मजबूती से लागू किया। कैट ने कहा है कि दिवाली के त्योहारी सीजन के दौरान देश भर के बाजारों में हुई मजबूत बिक्री भविष्य में अच्छी व्यापारिक संभावनाओं की ओर इशारा करती है। साथ ही इससे यह बात भी साफ हो गई है कि भारत के लोगों ने उत्सव के सामानों की खरीद-बिक्री के मामले में कोरोना और चीन दोनों को पछाड़ दिया है।


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जानकारी दी है कि देश के 20 अलग-अलग शहरों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक इस दिवाली के त्योहारी सीजन के दौरान देशभर में करीब 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। उन्होंने कहा है कि इस त्योहारी सीजन में कारोबार के मोर्चे पर चीन को सीधे तौर पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। भरतिया और खंडेलवाल के मुताबिक यदि सेंसेक्स को संकेतक माना जाए तो देश में निश्चित रूप से व्यापार का भविष्य उज्ज्वल है। इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोना संकट के बीच पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली सूचकांकों ने लगभग 10 फीसद का इजाफा किया। इन्होंने कहा है कि वृहद मोर्चे पर रिकवरी के अच्छे संकेतों और लगातार हो रहे निवेश के जारी रहने के कारण अगली दिवाली तक निफ्टी के 14,000 अंक को छूने का अनुमान है।


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