कमलनाथ सरकार पर चार दिनों से छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक दिन पहले थोड़ी राहत मिलने के बाद गुरवार को फिर सियासी संग्राम छिड़ गया। बेंगलुर भेजे गए कांग्रेस के तीन विधायक (बिसाहूलाल सिंह, रघुराज सिंह कंषाना और हरदीप सिंह डंग) और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के गुरुवार को भोपाल तक पहुंचने की संभावना जताई गई थी लेकिन वे लौटे तो नहीं बल्कि सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेज दिया है।
इसके साथ ही कमलनाथ सरकार के भविष्य पर संकट और ज्यादा गहरा गया है। इससे पहले जिन कांग्रेस और सपा-बसपा विधायकों को दिल्ली से विशेष विमान से भोपाल लाया गया था, उन्होंने भी आज तीखे तेवर दिखाए। कांग्रेस को इन विधायकों ने चेतावनी दी कि वे अपने बयानों पर लगाम लगाएं, वरना अगली बार उन्हें रेस्क्यू का मौका भी नहीं मिलेगा। विधायकों के तेवर देखने से साफ झलक रहा है कि कमलनाथ सरकार पर छाया संकट के और ज्यादा गहराने आसार हैं।
राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक वीके सिंह को हटाकर विवेक जौहरी को नया डीजीपी बना दिया है। सरकार पर बढ़े संकट के बाद एक बार फिर भाजपा पूरी तैयारी के साथ हमला बोल सकती है। इसी तैयारी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले चौबीस घंटे से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और भाजपा के कुशल प्रबंधक माने जाने वाले वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया सियासी संग्राम का मोर्चा संभालने बेंगलुर पहुंच गए हैं। उनके प्रयासों के बाद ही विधायकों के इस्तीफे की शुरुआत हो गई है। इधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। नाराज विधायकों को वे खुद मना रहे हैं। सियासी उलझन के बीच उन्होंने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है।