प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए शुभारंभ किया। दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस अभियान को प्रधानमंत्री ने रिमोट द्वारा बिहार के खगड़िया जिले के ब्लॉक बेलदौर के गांव तेलिहार से शुरुआत की। योजना के शुभारंभ के बाद उन्होंने देश के गांव और ग्रामीणों के प्रयासों की प्रशंसा की जो कोविड-19 से पूरे साहस के साथ सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने प्रवासी मजदूरों से बात भी की और गरीबों को सरकार की ओर से मुफ्त राशन मिलने के बारे में चर्चा की। साथ ही उन्होंने मजदूरों को आज शुरू किए गए रोजगार अभियान के तहत मिलने वाले फायदों से अवगत कराया और कहा कि इसके जरिए प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने के लक्ष्य का विवरण दिया। 


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान से आपके इस आत्मसम्मान की सुरक्षा भी होगी और आपके श्रम से आपके गांव का विकास भी होगा। आज आपका ये सेवक और पूरा देश, इसी सोच के साथ, इसी संकल्प के साथ आपके मान और सम्मान के लिए काम कर रहा है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'ग्राउंड पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्क इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है और ये सभी वाह-वाही के पात्र हैं। कोई आपकी पीठ थपथपाए या न थपथपाए पर मैं आपका जय जयकार करता रहूंगा । मैं ऐसे ग्राम सेवकों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।'


प्रधानमंत्री ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'श्रमेव जयते, आप श्रम की पूजा करने वाले लोग हैं, आपको काम चाहिए, रोजगार चाहिए। इस भावना को सर्वोपरि रखते हुए ही सरकार ने इस योजना को बनाया है, इस योजना को इतने कम समय में लागू किया है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज गरीब कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों व हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों को।'   


योजना की मुख्य बातें


- छह राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों के अभियान का उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में काम करना है। 


- इस कार्यक्रम के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के 116 जिलों को कवर किया जाएगा। इन सभी जिले में लॉकडाउन के दौरान 25 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक वापस लौटे हैं।


- 50 हजार करोड़ रुपये के लागत वाले इस योजना के तहत रोजगार प्रदान करने और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 25 विभिन्न प्रकार के कार्यों का गहन और केंद्रित कार्यान्वयन शामिल होगा।  


- यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू किया जाएगा।


- यह योजना 12 विभिन्न मंत्रालयों और विभागों- ग्रामीण विकास पंचायती राज, सड़क परिवहन और हाइवे, खनन, पेयजल   व सैनिटेशन के जरिए सफल होगा।