जिस तबलीगी जमात ने दिल्ली और पूरे भारत की नींद रातों-रात उड़ा दी है उसने पाकिस्तान में भी कहर बरपा रखा है। पंजाब और सिंध प्रांत में अब तक इससे जुड़े करीब 63 मामले पॉजीटिव पाए गए हैं। सबसे बड़ी अफसोस की बात ये है कि तब्लीगी जमात के आयोजकों ने पंजाब सरकार की बात को नजरअंदाज कर इसका आयोजन किया था। वहीं राजधानी दिल्ली में जमात से जुड़े 24 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। आपको बता दें कि ये पहला मौका है कि जब राजधानी में एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं।
पाकिस्तान हो या भारत जमात के इस रवैये के बाद एक सवाल जरूर खड़ा हुआ है कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के इंसानों द्वारा फैलने की खबरें लगातार अखबारों की सुर्खियां बन रही थीं तो आयोजकों ने इसको कैसे नजरअंदाज कर इतनी बड़ी चूक क्यों की। जहां तक भारत की बात है तो दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने इसके आयोजकों पर एफआईआर दर्ज करने की अपील उपराज्यपाल से की है। उन्होंने इसको एक बड़ा अपराध करार दिया है। वहीं डॉन अखबार की मानें तो पाकिस्तान के रायविंड में जब तक आयोजकों ने इसको बंद करने का मन तब तक पंजाब में लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी थी। इसके बाद समूचे प्रांत में वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया जिसकी बदौलत इस जमात में शामिल होने आए लोग यहां पर ही फंसकर रह गए। अब तक जो 63 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं उनमें 27 रायविंड में और 36 हैदराबाद में मिले हैं।
डॉन अखबार ने सिंध के हेल्थ एंड पॉपुलेशन वेलफेयर मिनिस्टरी के मीडिया कॉर्डिनेटर के हवाले से लिखा है कि नूर मस्जिद से ये मामले सामने आने के बाद वहां पर जमात के करीब 200 सदस्यों को शुरुआत में क्वारंटाइन में रखा गया था। अखबार के मुताबिक नूर मस्जिद कराची की मस्जिद के बाद जमात का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है। यहां पर एक चीन के नागरिक के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने के बाद शुक्रवार को इसे सील कर दिया गया था। इस मस्जिद में रुके सभी सदस्यों का सैंपल टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। वर्तमान में हैदराबाद में करीब 830 लोग इस जमात से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से अकेले 234 का संबंध नूर मस्जिद से है।