संघ प्रमुख मोहन भागवत असाधारण वैश्विक आपदा कोरोना से जंग और इसके बाद उत्पन्न चुनौतियों से निपटने पर देशवासियों के सामने रोडमैप रखेंगे। अक्षय तृतीया के शुभ दिन 26 अप्रैल को वर्तमान परिदृश्य एवं हमारी भूमिका पर बौद्धिक वर्ग को वह नागपुर से संबोधित करेंगे। यह पहली बार होगा जब स्वयंसेवकों के साथ ही देशवासियों तक सीधे पहुंच के लिए सर संघचालक आभासी दुनिया (वर्जुअल) का प्रयोग करेंगे। उनका यह संबोधन एक घंटे का होगा और उस दिन शाम 5 बजे से संघ के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल के माध्यम से सीधा प्रसारित होगा।
संघ प्रमुख वर्ष में दो बार- विजय दशमी व नागपुर में अभ्यास वर्ग के समापन अवसर पर देशभर के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हैं। ऐसे में इस प्रकार का यह विरले मौका है, जब मोहन भागवत सीधे स्वयंसेवकों से रूबरू होंगे। इसलिए सभी स्वयंसेवकों को परिवार व समाज तक संघ प्रमुख के संबोधन का विषय पहुंचाने को कहा गया है। इसमें इस कोरोना वैश्विक आपदा को लेकर सरकार के लिए भी संदेश हो सकता है। संघ के मुताबिक उनके संबोधन में देशवासियों और देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते संघ के स्वयंसेवकों के लिए मार्गदर्शन होगा। सरकार अपने स्तर पर काम तो कर रही है। पर इस महामारी के खिलाफ और यह जंग जीतने के बाद भी कई चुनौतियां सामने होंगी, जिससे पार पाने के लिए समाज को साथ रहना होगा। इसमें स्वयंसेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी, इसलिए उनके लिए संघ प्रमुख द्वारा नया लक्ष्य तय किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया के दिन संघ प्रमुख के संबोधन को सोच समझकर रखा गया है। एक पदाधिकारी के मुताबिक, क्योंकि इस दिन को धर्म में शुभ माना गया है और इसका अक्षय फल मिलता है। लॉकडाउन के बाद ही संघ प्रमुख के निर्देशानुसार संघ के स्वयंसेवकों ने देश में युद्धस्तर पर अब तक का सबसे बड़ा सेवा अभियान चलाया हुआ है। जिसमें लॉकडाउन और बचाव के सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए दो लाख से अधिक स्वयंसेवक लाखों लोगों तक खाना, दवा के साथ जरूरत के सामान पहुंचा रहे हैं। 19 अप्रैल को देशभर के स्वयंसेवकों ने एक साथ परिवार शाखा लगाकर इस वैश्विक महामारी पर विजय की कामना भी की थी।