लॉकडाउन के चलते टाली गई राज्यसभा सांसदों की शपथ


कोरोना लॉकडाउन की वजह से राज्यसभा के लिए चुने गए 37 नये सांसदों को फिलहाल शपथ नहीं दिलाई जा सकेगी। हालांकि संसद में वोटिंग के अधिकार के अलावा इन सदस्यों को सांसदों के वेतन और भत्ते समेत सभी सुविधाएं मिलेंगी। सभापति वेंकैया नायडू ने कहा है कि मौजूदा हालत में नये सदस्यों का शपथ जरूरी नहीं है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही इस संवैधानिक अनिवार्यता की प्रक्ति्रया पूरी की जाएगी। राज्यसभा सचिवालय की ओर से सभी नये सदस्यों को तत्काल शपथ की जरूरत नहीं होने की सूचना भेज दी गई है। विधायी हिसाब से संसद का सदस्य चुने जाने के बाद शपथ लेने के बाद ही सांसद सदन की कार्यवाही या स्थाई समितियों की बैठक में हिस्सा ले सकता है। शपथ लिए बिना सांसद सदन में किसी वोटिंग प्रक्रिया में भी हिस्सा नहीं ले सकता। हालांकि राज्यसभा की नियमावली में नये सदस्य के शपथ लेने की ऐसी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है।


सभापति वैंकेया नायडू की ओर से नये सदस्यों को संदेश भेजा गया है कि तत्काल शपथ नहीं लेने से सांसद के तौर पर उनके अधिकार और सुविधाओं पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि अभी लॉकडाउन में सदन या समिति की कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है। शपथ नहीं लेने के बावजूद सांसदों को वेतन-भत्ते और सभी विशेषाधिकार व सुविधाएं तत्काल प्रभाव से ही मिलेंगी। गौरतलब है कि राज्यसभा के 55 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव में 37 सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं। 2 अप्रैल से इनकी सदस्यता का कार्यकाल शुरू हो गया है जबकि 18 सीटों पर चुनाव बीते 26 मार्च को होने थे। लेकिन कोरोना वायरस संक्त्रमण और लॉकडाउन के चलते चुनाव आयोग ने इन 18 सीटों का चुनाव स्थगित कर दिया था।