कोरोना वैश्विक महामारी संकट की इस घड़ी में भारत ने अपने पड़ोसी व दूसरे कम विकसित देशों को मदद और बढ़ा दी है। भारत अभी तक इन देशों को 38.3 करोड रुपये मूल्य की दवाएं व अन्य चिकित्सीय सामग्री पहुंचा दी है। मालदीव और कतर को मदद के लिए चिकित्सा टीम भी भेजी गई है। जबकि दूसरे देशों के लिए भी डाक्टरों व नर्सों की टीम तैयार की जा रही है। विदेश मंत्रालय की तरफ से दी दी गई जानकारी के मुताबिक तमाम देशों को 50 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (HCQ) की गोलियां भेजी गई हैं। वहीं, 13.2 लाख पैरासीटामोल (पीसीएम) के टेबलेट्स दिए गिए हैं। इन दोनो दवाइयों के अलावा भी बड़े पैमाने पर दूसरी जीवनोपयोगी दवाएं भी दी जा रही हैं। कई देशों को लैब्राटोरीज व अस्पतालों के लिए उपकरण दिए जा रहे हैं। इसके अलावा कई देश वाणिज्यिक आधार पर भारतीयी कंपनियों से दवाइयां व अन्य सामग्री खरीद रही हैं जिसे उन देशों तक जल्दी से पहुंचाने में सरकारी मदद दी जा रही है।
भारतीय कंपनियों से अभी 40 देशों ने 28.5 करोड़ एचसीक्यू और 60 देशों ने 50 करोड़ पीसीएम वाणिज्यिक आधार पर खरीदने का फैसला किया है। इन सभी देशों के नेताओं ने भारत की इस कदम की प्रशंसा भी की है कि उन्हें समय पर जीवन बचाने वाली दवाएं मिल पा रही हैं।
कोविड-19 (कोरोना वायरस) के इलाज में कारगर माने जाने वाली एचसीक्यू दवा की मांग अभी भी लातिनी अमेरिकी, सेंट्रल एशियाई देश, यूरेशियाई व दूसरे कई छोटे बड़े देशों से हो रही है। भारत कम विकसित देशों को मदद के तौर पर दी जाने वाली दवाओं की आपूर्ति भी बढ़ाने जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के तमाम मिशन 16 अप्रैल, 2020 के बाद से ही स्थानीय तौर पर भारतीय नागिरकों के संपर्क में हैं ताकि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति से उन्हें सुरक्षित रखने में मदद की जा सके।