फेस मास्क के लिए हो रही मारामारी, स्टॉक में भारी कमी


कोरोना के डर के चलते पूरी दुनिया में फेस मास्क खरीदने के लिए मारामारी मची है। कई देशों में जहां सुपरमार्केट और दुकानदार स्टॉक की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं कई देशों में एक व्यक्ति कितने मास्क खरीद सकता है, इसको लेकर मानक तय कर दिए गए हैं। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने मास्क की बिक्री को निर्धारित करने के लिए अपनी साइट की निगरानी शुरू कर दी है। बता दें कि डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा है कि जो लोग बीमार नहीं हैं, उन्हें इसे पहनने की जरूरत नहीं है।


गुरुवार को दक्षिण कोरिया में एक डिस्काउंट स्टोर से मास्क खरीदने के लिए सैकड़ों लोग लाइन में लगे दिखाई पड़े। वहां पर इस तरह की अफवाहें भी चल रही हैं कि फेस मास्क की कमी होने पर लोग टॉयलेट पेपर और नैपकिन का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि एशिया में कागज का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है। फेस मास्क खरीदने वालों में साधारण लोग ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों को भी देखा जा सकता है। फेस मास्क बनाने वाली कुछ कंपनियों के अधिकारियों का मानना है कि इस स्थिति के लिए केवल अधिक मांग ही नहीं, बल्कि आपूर्ति में व्यवधान की कमी भी जिम्मेदार है।


खतरनाक संक्रमण वाले रोगियों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मी एन95 मास्क पहनते हैं। 3एम नाम के फेस मास्क बनाने वाली मिनिसोटा की कंपनी ने कहा है कि वह अमेरिका, यूरोप, एशिया और दक्षिण अमेरिका स्थित अपनी फैक्ट्रियों में उत्पादन को बढ़ाएगी। सर्जिकल मास्क का एक बड़ा हिस्सा चीन में बनता है, लेकिन वहां पर तालाबंदी जैसे हालात के चलते इनका उत्पादन ठप है। अमेरिका के कई सुपरमार्केट में भी पिछले कई सप्ताह में मास्क की बिक्री में तेज उछाल देखा गया है। अमेरिका की सबसे बड़ी होम इंप्रूवमेंट चेन 'होम डिपो' ने प्रति व्यक्ति 10 फेस मास्क सीमित कर दिया है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हेल्थ सिस्टम के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ अस्पतालों के पास एक से दो सप्ताह का ही फेस मास्क का स्टॉक बचा है। 


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