बंगाल में नहीं लागु होगा नागरिकता कानून : ममता बनर्जी


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर नागरिकता संशोधित कानून को लेकर सख्त रुख अपनाया है। ममता ने शुक्रवार को कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, तब तक बंगाल में नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) लागू नहीं होगा। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने नैहाटी में एक कार्यक्रम में कहा कि कोई भी देशवासियों से नागरिकता जैसे उनके अधिकार नहीं छीन सकता।


ममता ने विवादित सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि वे 18 साल की उम्र में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, लेकिन उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाए।
बनर्जी ने कहा जब तक मैं जीवित हूं तब तक बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा। कोई भी देश या राज्य छोड़कर नहीं जाएगा। बंगाल में कोई निरोध केंद्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा छात्र काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केंद्र सरकार प्रदर्शकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है।


ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कोलकाता में कहा कि राष्ट्रगान 'जन गण मन' ने देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है। ममता ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया जिन्होंने 'जन गण मन' की रचना की। 1911 में आज के दिन पहली बार इसे गाया गया था। ममता ने टैगोर की रचना 'आमार सोनार बांग्ला' का भी जिक्र किया जिसे 1905 में अंग्रेजों द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा गया था। उन्होंने कहा कि बंगाल के विभाजन के खिलाफ टैगोर के विरोध के तरीके ने लोगों को रास्ता दिखाया।